नाभि खिसकनां कैसे ठीक करें | Nabhi Khisakna Kaise Theek Kare | Boldsky

2022-04-28 124

You must have heard about the problem of slipping navel. Many people also know it by the name of Navel Digna, Dharna and Dharna Falling. The navel is considered important for health in Ayurveda and Unani systems of medicine, but there is no discussion or importance of it in Western medicine (Allopathy). According to Ayurveda, just as curvature can occur in the spine, similarly there can be twitching or other problems in the muscles of the navel and abdomen. When this happens, the navel moves out of its place. In most of its cases, the navel goes upwards or downwards. The navel often dislodges due to lifting heavy weights, sudden bending, and sexual-activities.

नाभि खिसकने की समस्या के बारे में आपने सुना ही होगा। कई लोग इसको नाभि का डिगना, धरण और धरण गिरना के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में स्वास्थ्य के लिए नाभि को महत्त्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन पश्चिमी चिकित्सा (एलॉपथी) में इसकी कोई चर्चा या महत्त्व नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, जैसे रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ सकता है, उस ही तरह नाभि और पेट की मांसपेशियों में भी मरोड़ या अन्य दिक्कत आ सकती है। ऐसा होने पर नाभि अपनी जगह से हट जाती है। इसके अधिकतर मामलों में नाभि ऊपर या नीचे की तरफ चली जाती है। नाभि अक्सर किसी भारी वजन को उठाने, अचानक झुकने और यौन गतिविधियों को करने से खिसक (धरण) जाती है।

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